रेड्डी 6 दिन ही रह पाये सीएस
सुरेश शर्मा
भोपाल। कमलनाथ सरकार ने जाते-जाते जिस प्रकार की नियुक्तियां की है उनमें से पहला विकेट गिर गया है। 6 दिन पहले रात के अंधरे में मुख्य सचिव बनाये गये एम. गोपाल रेड्डी को हटाकर शिवराज ने अपने चहेते अधिकारी इकबाल सिंह बैस को नया मुख्य सचिव बनाया है। यह शिवराज सरकार का पहला आदेश है। बैस अभी राजस्व मंडल ग्वालियर के अध्यक्ष पद पर थे। वे जल्द अपना पदभार ग्रहण करने वाले हैं। यह सबको पता था कि इकबाल सिंह ही मुख्यसचिव बनेंगे। क्योंकि उनका शिवराज के साथ महत्वपूर्ण और उपलब्धियों से भरा रहा कार्यकाल रहा है।
एम. गोपाल रेड्डी दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं और उन्हीं की सलाह पर रेड्डी को रात के अंधेरे में मुख्यसचिव का चार्ज दिलवाया गया था। कई मामले में घिरे एस.आर.मोहंती को सेवानिवृत्त होने के कुछ दिन पहले ही हटाकर प्रशासन अकादमी भेजा गया। इस जल्दबाजी को राजनीतिक संकट ेके समय अपने चहेते अधिकारी को मुख्य सचिव बनवाने के दिग्विजय के वादे के रूप में देखा जा रहा है। दिग्विजय सिंह की परदे के पीछे से सत्ता संचालित करने के आरोपों को इसी प्रकार की घटनाएं प्रमाणित करती हैं।
जिस जल्दबाजी में गोपाल रेड्डी ने चार्ज ग्रहण किया उसको लेकर भी प्रशासनिक गलियारों में गंभीर माना जा रहा है। कोई भी अधिकारी राजनेताओं की भांति रात के अंधेरे में जार्च लेते हुये दिखाई नहीं देता। लेकिन रेड्डी ने न जाने किस स्वार्थ के यह पद भार ग्रहण किया था। इसके पीछे की अदृश्य डील की चर्चा भी हो रही है लेकिन इसका कोई सीधा प्रमाण सामने नहीं आया है।
इकबाल सिंह बैस एक कत्र्तव्यनिष्ट और विजन वाले अधिकारी हैं। वे स्वभाव से विन्रम और व्यवहार में कड़क भी हैं। लेकिन शिवराज की भांति आम नागरिकों की समस्याओं को निपटाने में उनकी रूचि रही है। वे कई योजनाओं के जनक और क्रियान्वयन करने वाले अधिकारी हैं। अब शिवराज की पुरानी टीम के प्रदेश में फिर से सक्रिय होने की संभावना देखी जा रही है। लेकिन जिन अधिकारियों से कार्यकर्ताओं को परेशानी से उनकी इन्ट्री अभी कुछ समय तक रूक कर होगी।